मंगलवार, 5 मई 2009

चुनावी भविष्यवाणी !

'बाबा' बैसवारी द्वारा बिना किसी राग-द्वेष के चुनावी-भविष्यवाणी प्रस्तुत की जा रही है,यह काफी कुछ सटीक बैठने जा रही है।
कांग्रेस ==== 170
भाजपा ==== 110
तीसरा मोर्चा == 90
सपा === 26
बसपा === 21
अन्य === 6

इस चुनाव में कांग्रेस के लिए 'अंडर-करंट' चल रहा है,
सरकार कांग्रेस के नेत्रत्व में बनेगी नहीं तो कांग्रेस सरकार से बाहर रहेगी !
लालू और पासवान घटे में रहेंगे ,
मुलायम व माया के लिए लगभग बराबर की स्थिति रहेगी ।
भाजपा को नुकसान होगा तथा अंतर्कलह मचेगी ।

शनिवार, 18 अप्रैल 2009

यदि मैं नेता होता !

अच्छा होता ,अच्छा होता
भइया ,यदि मैं नेता होता !
मैं कुछ भी कहता,बक देता
जो भी चाहे कर लेता
कहे हुए की माफ़ी मिलती
ज़िम्मेदारी से बच जाता,
यारों, यदि मैं नेता होता।

लोक-लुभावन वादे करता
भड़काऊ भाषण दे लेता
शपथ-पत्र देकर बच जाता
फिर भी नाम कमा जाता,
लेकिन यदि मैं नेता होता !

पाँच साल तक वादे करता
मीठी-मीठी गोली देता
रोज़ी-रोटी भाड़ में जाए
धर्म-जाति की टॉनिक देता
जेल पहुँचना अच्छा होता ,
सबका यदि मैं नेता होता !

जेल,ज़मानत आदत पड़ती
सत्ता फिर भी हमको मिलती
जनता डरती,जेबें भरती
जिस भी दल में शामिल होता
ये सब कुछ 'कानूनी' होता
भइया,यदि मैं नेता होता !

बुधवार, 4 मार्च 2009

मेरे पास उनका साथ है...

चुनाव आए हैं,
दलों ने अपने-अपने राग बनाए हैं.
फ़साना वही है,भले ही धुन नयी हो,
बहिनजी ने इस बीच कमाल किया है,
उत्तर प्रदेश को नया रूप दिया है।
हर बाहुबली और गुण्डे को
बसपा में शामिल किया है,
कुछ और नहीं उन्हें केवल सुधरने का मौका दिया है!
इसके अलावा प्रचार-अभियान भी बदला है,
'तिलक,तराजू,तलवार.....'को त्यागकर
नयी धुन में दिल मचला है।
अख़बार में पूरे पन्नों के विज्ञापन तो आ ही रहे हैं
टी वी में भी अच्छी धुन बज रही है ।
'मेरे पास उनका साथ है...'
यह उनके 'नए ' साथी कह रहे हैं या
बेचारी जनता कह रही है!

बुधवार, 18 फ़रवरी 2009

अमर सिंग ते बच्यो!

भइया ,सुना है की अमर सिंग बहुत गुस्सा मा हैं । वी पतरकार भाइन के सामने अउतै एकदम ते फैलि गे। ज़ोर -ज़ोर से वी चिल्ला रहें हैं की एकु आदमी की वजा ते काम बेगडि जाइ । कांगरेस मा दिग्गी भइया ते वे एत्ता नराज़ हैं की पूछो ना। बस वी एकदम खौरिहानि घूमि रहे हैं , काहे ते दिग्गी भइया कहि देहेन हैं की सपा ते समझउता होय पर कांगरेस साफ़ होइ जाइ। अब यह नूरा कुश्ती आम आदमी कहाँ समझथ ?
तो हे भइया जब तक चुनाव नहीं होइ जात तब तक दिग्गी भइया का अमर सिंग ते बचिकै रहै क परी!

शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2009

पाक ने माना!

आज की सबसे बड़ी ख़बर यही है,
पाक ने माना है कि भारत सही है।
चैनल मुँह फाड़-फाड़ कर चिल्ला रहे हैं,
अब बचके कहाँ जाएगा पाकिस्तान?
अरे भाई इतनी चिल्ल-पों क्यों मचा रहे हो,
बचने के लिए उसके पास बचा ही क्या है?
थोड़े दिन ऐसे ही हल्ला होगा,
अमेरिका से रक़म लेगा,
तब तक हिन्दुस्तान में चुनाव हो लेगा।
फ़िर से नयी सरकार नए रिश्तों की बात करेगी,
लम्बी चादर तान कर सो जायेगी,
किसी नए हमले के इंतज़ार में !

गुरुवार, 12 फ़रवरी 2009

नया समाजवाद!

यू.पी .में मुलायम और अमर ने
समाजवाद की नयी परिभाषा गढ़ी है,
अपराधियों से गठजोड़,सरकार को ब्लैकमेल
अर्थात्,
किसी भी तरह सत्ता पाने की चाहत चढ़ी है।
मुलायम कहते है ,कुछ भी हो जाए
कल्याण को गले लगायेंगे,
जब तक अमर जैसे सलाहकार हैं
हम दुश्मनों की संख्या बढायेंगे!

मंगलवार, 10 फ़रवरी 2009

10-02-2009

'पाक को चाहिए और सूचनाएँ'-ख़बर
-दरअसल पाक को सूचनाएँ नहीं थोड़ा समय और चाहिए ,जिससे इस मुद्दे को ठंढे बस्ते में डाल दिया जाए!


'अमर सोनिया और मनमोहन पर बरसे'-ख़बर
-कोई नया समझौता या कोई 'डील' जल्द होने वाली है !


'हम आतंकवाद का सफाया करके रहेंगे'-सोनिया
-कम-से-कम आमचुनाव तक तो ऐसा ही माहौल लगता है !

सोमवार, 9 फ़रवरी 2009

हे राम !

'हमने राम को कभी नही छोड़ा'-आडवाणी
- मगर अफ़सोस ,हमें रामजी ने ही छोड़ दिया!

'हम राम-मन्दिर ज़रूर बनायेंगे'-राजनाथ सिंह
-पर पहले आडवाणीजी की वेटिंग -लिस्ट' तो 'क्लियरहोने दो !(वैसे होगी नहीं यह हम भी जानते और चाहते हैं)